Translate

Monday 14 December 2015

नरेन्द्र सिंह नेगी जी




               Narender singh Negi
उत्तराखण्ड के
गढवाल हिस्से के मशहूर लोक गीतकारों में से एक है।
कहा जाता है कि अगर आप उत्तराखण्ड और वहाँ के
लोग, समाज, जीवनशैली, संस्कृति, राजनीति, आदि
के बारे में जानना चाहते हो तो, या तो आप किसी
महान-विद्वान की पुस्तक पढ लो या फिर नरेन्द्र
सिंह नेगी जी के गाने/गीत सुन लो। उनकी श्री नेगी
नामक संस्था उत्तराखण्ड कलाकारो के लिए एक
लोकप्रिय संस्थाओं मे से एक है। नेगी जी सिर्फ एक
मनोरंजन-कार ही नहीं बल्कि एक कलाकार,
संगीतकार और कवि है जो कि अपने परिवेश को लेकर
काफी भावुक व संवेदनशील है।
बैकग्राउंड (पृष्ठभूमि)
नेगी जी का जन्म १२ अगस्त १९४९ को पौड़ी जिले
के पौड़ी गाँव (उत्तराखण्ड) में हुआ। उन्होंने अपने
जीवन-वृती (कॅरियर) की शुरुआत पौड़ी से की थी
और अब तक वे दुनिया भर के कई बडे बडे देशों मे गा
चुके हैं।[1] गढवाल (उत्तराखण्ड) के इस मशहूर गायक के
गानों मे मात्रा (क्वांटिटी) की बजाय गुणवत्ता/
योग्यता (क्वालिटी) होने के कारण ही लोग उनके
गानों को बहुत पसंद करते हैं। समय के साथ-साथ
" गढवाल म्यूजिक इंडस्ट्री" में नये गायक भी शामिल
हुए। लेकिन नए गायकों की नई आवाज के होते हुए
भी पूरा उत्तराखण्ड उनके गानों को वही प्यार और
सम्मान के साथ आज भी सुनता है। नेगी जी के
गानों में अहम बात है उनके गानों के बोल (लिरिक्स)
और उत्तराखण्ड के लोगों के प्रति भावनाओं की
गहरी धारा। उन्होंने अपने गीतों के बोल और आवाज
के माध्यम से उत्तराखण्डी लोगों के सभी दुख-दर्द,
खुशी, जीवन के पहलूओं को दर्शाया है। किसी भी
लोकगीत की भावनाओं और मान-सम्मान को बिना
ठेस पहुँचाते हुए उन्होंने हर तरह के उत्तराखण्डी लोक
गीत गाएँ हैं।
नेगी जी निवासी गायकों के साथ साथ गैर-
निवासी गायकों में से एक मशहूर गायक हैं।
उत्तराखण्ड को अपने लोकगीत संग्रह में नेगी जी के
हर एक हिट गानों के साथ साथ बहुत सारे समर्थक
भी संग्रह करने के लिए मिले हैं। [2] उनके
प्रभावशाली गीतों के लिए उन्हें कई बार पुरस्कारों
से सम्मानित किया जा चुका है।
संगीत कार्य(कॅरियर)
नेगी जी ने अपने म्यूजिक कॅरियर (जीवन-वृती) की
शुरुआत गढवाली गीतमाला से की थी और यह
"गढवाली गीतमाला" १० अलग-अलग हिस्सों/पार्ट्स
में थी। जैसे कि यह गढवाली गीतमाला अलग अलग
कंपनियो से थी जिसके कारण नेगी जी को थोडी
सी दिक्कतों का सामना करना पडा। तो उन्होंने
अपनी कॅसेट्टस को अलग नाम से प्रदर्शित (रिलीज)
करना शुरू किया। उन्होंने पहली अॅल्बम का नाम
(शीर्षक) रखा बुराँस जो कि पहाड़ों में पाया जाने
वाला एक जाना माना एवं सुंदर सा फूल है। image =
jpeg नेगी जी ने अब तक सबसे ज्यादा गढवाली
सुपरहिट अॅल्बमस् रिलीज की हैं। उन्होंने कई गढवाली
फिल्मों में भी अपनी आवाज दी है जैसे कि
"चक्रचाल", "घरजवाई", "मेरी गंगा होलि त मैमा
आलि" आदि। अब तक नेगी जी ' १००० से भी अधिक
गाने गा चुके हैं। दुनिया भर में उन्हें कई बार अलग अलग
अवसरों पर पुरस्कार से नवाजा गया है। बडे समय के
बाद आकाशवाणी , लखनऊ ने नेगी जी को १० अन्य
कलाकारों के साथ अत्यधिक लोकप्रिय लोक
गीतकार ( Most Popular Folk Singers) की
मान्यता दी है और पुरस्कार से सम्मानित किया
गया। यह पुरस्कार फरमाइश-ए-गीत ]] (अंग्रेजी
अनुवाद: Songs on Demand) के लिए आकाशवाणी
को लोगों द्वारा भेजे गए प्राप्त मेल्स् (mails) की
संख्याओं पर आधारित था। अब तक नेगी जी कई
देशों में भी गाया हैं जैसे कि यु°एस°ए (USA),
ऑस्टेलिया (Australia), कॅनॅडा (Canada), न्यूजीलैंड
(New Zealand), मसकॅट (Muscat), ओमान (Oman),
बहरीन (Bahrain) और यु°ए°इ° (U.A.E.) आदि।
गढवाली-कुमाऊंनी एन°आर°आई ( Garhwali &
Kumaoni NRIs) द्वारा संचालित किया जाने
वाला "गढवाली और कुमाऊंनी समाज" उन्हें
अक्सर विदेशों में गाने के लिए आमंत्रित करते ही
रहते हैं। भारत और विदेशों में रहने वाले लोग नेगी
जी के गानों को बहुत पसंद करते हैं।
" ये आप सभी का प्यार ही है जो मैं अभी भी गा
पा रहा हूँ "- नरेन्द्र सिंह नेगी।
नेगी जी केवल वास्तविकता में विश्वास रखते हैं।
इसीलिए उनके सभी गाने वास्तविकता पर आधारित
होते हैं और इसी कारण नेगी जी उत्तराखण्ड के
लोगों के दिल के बहुत करीब है। गढवाली गायक होने
के बावजूद नेगी जी को कुमाऊंनी लोग भी उन्हें बहुत
पसंद करते हैं। हालाँकि कुमाऊंनी लोगो को
गढवाली पूरी तरह से समझ नहीं आती है फिर भी
सभी कुमाऊंनी लोग नेगी जी के गानों को बहुत
पसंद करते हैं। नेगी जी " गुलजार साहब " के काम को
बहुत पसंद करते हैं क्योंकि गुलजार की पुराने व नए
रचनाओं में एक गहरा अर्थ होता है। गाना गाने के
साथ ही नेगी जी लिखते भी हैं।
अब तक नेगी जी की 3 पुस्तके प्रकाशित
(publish) हो चुकी हैं।

No comments:

Post a Comment