" गार्बेज ट्रक "(Inspirational story)
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एक दिन एक व्यक्ति ऑटो से रेलवे स्टेशन जा रहा
था। ऑटो वाला बड़े आराम से ऑटो चला रहा था
कि अचानक ही एक कार पार्किंग से निकलकर तेज
गति से रोड़ पर आ गयी। ऑटो चालक ने तेजी से ब्रेक
लगाया, तब जाकर कार ऑटो से टकराते टकराते
बची।
कार चालक गुस्से में कार से निकला और ऑटो वाले
को बहुत ही भला बुरा कहने लगा जबकि यहाँ गलती
खुद कार- चालक की ही थी। ऑटो वाले ने कार
वाले की बातों पर न गुस्सा किया न ही कोई
प्रतिक्रिया की और बल्कि उल्टा मुस्कराते हुए आगे
बढ़ गया।
ऑटो में बैठे व्यक्ति को कार वाले की हरकत पर
गुस्सा आ रहा था और उसने ऑटो वाले से पूछा तुमने
उस कार वाले को बिना कुछ कहे ऐसे ही क्यों जाने
दिया। उसने तुम्हें कितना भला बुरा कहा जबकि
गलती तो उसकी खुद की थी। और ये तो हमारी
किस्मत अच्छी है, नहीं तो उसकी वजह से आज हम
अस्पताल में होते।
ऑटो वाले ने बड़ी शांती से उस व्यक्ति से कहा
साहब बहुत से लोग गार्बेज ट्रक (कूड़े का ट्रक) की
तरह होते है। वे बहुत सारा कूड़ा-करकट अपने दिमाग में
भरे हुए चलते है, हमेशा निराशा, क्रोध और चिंता से
भरे हुए नकारात्मक रवैया अपनाते है। और जब जब उनके
दिमाग में निराशा रूपी कूड़ा बहुत अधिक हो
जाता है तो वे अपना बोझ हल्का करने के लिए इसे
दूसरों पर फेंकने का मौका ढूँढ़ने ही लगते है, और जैसे
ही मौका मिलता ही तुरंत कूड़ा दूसरे पर फेंकने लगते है
।
इसलिए मैं हमेशा ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखता हूँ और
उन्हें दूर से ही मुस्कराकर अलविदा कह देता हूँ
क्योंकि अगर उन जैसे लोगों द्वारा गिराया हुआ
कूड़ा अगर मैंने स्वीकार कर लिया तो एक दिन मैं
भी एक गार्बेज ट्रक बन ही जाऊँगा और अपने साथ-
साथ आसपास के लोगों पर भी निराशा रूपी कूड़ा
गिराता रहूँगा। तो इससे बेहतर यही हे की में उस और
ध्यान ही ना दूँ ।
जिंदगी बहुत छोटी है इसलिए जो कोई भी हमसे
अच्छा व्यवहार करते है उन्हें सादर धन्यवाद कहो और
जो भी हमसे अच्छा व्यवहार नहीं करते, उन्हें हमेशा
मुस्कुराकर माफ़ कर दो। तो देखिये आपकी जिंदगी
हमेशा खुशनुमा बनी रहेगी ।
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